टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid)

टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid) टाइफाइड बुखार सालमोनेला टाइफाइड बैक्टीरिया से संक्रमित भोजन या पानी को ग्रहण करने से होता है। और इस बैक्टीरिया के ग्रसित होने वाले व्यक्ति के साथ निकटतम संबंध या संपर्क रखने से भी यह टाइफाइड बुखार हो जाता है।

टाइफाइड के लक्षणों में आमतौर पर तेज बुखार सिर, दर्द पेट में दर्द और कब्ज या दस्त हो जाते हैं । टाइफाइड बुखार से ग्रस्त अधिकांश लोग एंटीबायोटिक उपचार शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर ही अपने आप को अच्छा महसूस करने लगते हैं। इनमें से कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो टाइफाइड के बिगड़ जाने से उनकी मृत्यु भी हो जाती है।  टाइफाइड बुखार के टीके भी उपलब्ध है परंतु उनकी सटीकता के बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं।

टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid)

विकसित देशों में टाइफाइड बुखार बहुत कम ही देखने को मिलता है। लेकिन इसके विपरीत विकासशील देशों में विशेष रूप से बच्चों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है।

भारत में टाइफाइड काफी आम है जहां इसे मोतीझरा और मैं अभी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 2.1 करोड टाइफाइड के मामले होते हैं और इनमें से 2.22 लाख टाइफाइड से ग्रसित लोगों की मौत हो जाती है।

टाइफाइड के लक्षण (Typhoid Symptoms in Hindi)

आमतौर पर टाइफाइड रोग के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं जब व्यक्ति टाइफाइड के बैक्टीरिया से संक्रमित होता है तो इसके लक्षणों को सामने आने में 1 से 3 हफ्ते तक का समय लग जाता है।

टाइफाइड के शुरुआती लक्षण (Typhoid Initial Symptoms in Hindi)

  • बुखार-शुरुआत में यह बुखार कम होता है और फिर रोज बढ़ता रहता है यह बुखार 104.9 F तक पहुंच जाता है
  • सिर दर्द
  • कमजोरी और थकान
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पसीना आना
  • सूखी खांसी
  • भूख ना लगना और वजन घटना
  • पेट में दर्द
  • दस्त या कब्ज
  • चकत्ते पड़ जाना
  • पेट में अत्यधिक सूजन

टाइफाइड के बाद के लक्षण (Typhoid After Symptoms in Hindi)

यदि टाइफाइड का इलाज न किया जाए तो यह लक्षण हो सकते हैं

  • कमजोर हो जाना
  • टाइफाइड स्टेट में चले जाना

इसके अलावा घातक जटिलताएं अक्सर इस समय विकसित होती है। कुछ लोगों ने बुखार के कम होने के 2 सप्ताह बाद तक लक्षण लौट सकते हैं।

टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid)

टाइफाइड कैसे फैलता है? (How does typhoid virus spread in Hindi)

टाइफाइड हां जीवाणु मनुष्य के आंखों और रक्त प्रवाह में रहता है । यह एक संक्रमित व्यक्ति के मल के सीधे संपर्क में आने से मनुष्य में फैलता है। यह संक्रमण हमेशा एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य को ही होता है और मनुष्य तक किसी भी जानवर से नहीं पहुंचता है।

यदि उपचार नहीं किया जाए तो 4 मैसेज एक इंसान की टाइफाइड के कारण मौत हो जाती है और अगर उपचार किया जाए तो 100 मामलों में 4 से भी कम के लिए टाइफाइड घातक सिद्ध हो जाता है।

सालमोनेला टायफी बैक्टीरिया में प्रवेश करता है। और 1 से 3 सप्ताह तक हाथ में रहता है। उसके बाद यह हाथों की दीवार से होते हुए खून में चला जाता है। उन के माध्यम से यह उन तत्वों और अंगों में फैल जाता है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली सालमोनेला टायफी से नहीं लड़ सकती है क्योंकि यह व्यक्ति या आप की कोशिकाओं में बिना आपकी प्रत्यक्ष प्रणाली से प्रभावित हुए सुरक्षित रह सकता है।

टाइफाइड के कारण (Causes of Typhoid in Hindi)

सालमोनेला टायफ बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति मल त्यागने या पेशाब करने के बाद अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह नहीं होता है। उन्हीं हाथों से भोजन को छूता है तो यह बैक्टीरिया भोजन में आ जाते हैं। इसी भोजन को कोई दूसरा व्यक्ति ग्रहण करता है तो व्यक्ति या भी इसके साथ-साथ उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और वह व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। बैक्टीरिया से दूषित शौचालय का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को बिना साबुन से साफ किए बिना अपने मुंह को छूने से भी टाइफाइड फैलता है।

यदि संक्रमित व्यक्ति नदी नाले या पानी की आपूर्ति के स्रोत के आसपास मलेरिया मुक्त रहते हैं तो वह पानी दूषित हो जाता है और उस पानी में साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया फैल जाता है। उसी दूषित पानी को पीना या भोजन को बनाने से पहले उस पानी में धोने से हमारे शरीर में टाइफाइड का संक्रमण हो जाता है। संक्रमित व्यक्ति के मलैया पुत्र द्वारा दूषित जल के स्रोत से समुद्र मछली या अन्य चीजों को खाने से भी टाइफाइड फैलता है। संक्रमित मानव मल की खाद से उगाई गई सब्जी को कच्चा खाने से या फिर दूषित दूध उत्पादों के सेवन से ही टाइफाइड फैलता है।

सालमोनेला टायफ बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स करने से भी टाइफाइड फैलता है।

इलाज किए बिना टाइफाइड बुखार से बचने वाले 20 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति संक्रमण फैलने का कारण बन सकता है। क्योंकि बिना टाइफाइड के लक्षण के उस व्यक्ति के शरीर में सालमोनेला टायफी बैक्टीरिया रहता है। मैं अपने माल्या मूत्र के माध्यम से इसके संक्रमण को फैला सकता है।

टाइफाइड होने का जोखिम (Risk of Typhoid in Hindi)

  • यदि आप उन क्षेत्रों में काम करते हैं या यात्रा करते हैं जहां टाइफाइड बुखार अत्यधिक फैलता है।
  • यदि आप सालमोनेला टायफ बैक्टीरिया से निपटने वाले सूक्ष्म जीव विज्ञानी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • यदि आप किसी व्यक्ति से संपर्क में आ रहे हैं जो शंकर में थे या हाल ही में टाइफाइड बुखार से संक्रमित हुआ है।
  • यदि आप सीवेज द्वारा दूषित पानी पी रहे हैं जोकि बैक्टीरिया से संक्रमित हो।

टाइफाइड से बचाव (Prevention of Typhoid in Hindi)

कई विकासशील देशों में टाइफाइड से बचाव करने वाले उपायों की उपलब्धि थोड़ी मुश्किल हो सकती है। जैसे सुरक्षित पानी उपलब्ध करवाना, स्वच्छता बनाए रखना और उपयुक्त मेडिकल व्यवस्था का प्रबंध करना आदि। इसी वजह से कुछ विशेषज्ञ अधिक मात्रा में टाइफाइड लोगों से बचाव करने के लिए टीकाकरण को ही सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं।

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में यात्रा करने जा रहे हैं जहां पर टाइफाइड के जोखिम अधिक हैं तो आपको टाइफाइड का टीका लगवाने का सुझाव दिया जा सकता है।

टाइफाइड की वैक्सीन/टीका/इंजेक्शन (Typhoid Vaccine in Hindi)

वर्तमान में टाइफाइड के तीन टीके डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित है:

  • टायफाइड कन्ज्यूगेट वैक्सीन: इस वैक्सीन को 6 महीने के बच्चों से 45 साल तक के बच्चों के लिए लाइसेंस प्राप्त है। इसे इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।
  • Vi-PS वैक्सीन-इसे 2 साल और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए इसे स्वीकृति दी गई है। इसे भी इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है।
  • Ty21a vaccine-इसे 6 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए उचित कर दिया गया है। यह कैप्सूल के रूप में भी मिलती है।

टाइफाइड की तीनों वैक्सीन में से पीसीबी को सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें प्रतिरक्षा ज्यादा मिलती है। छोटे बच्चों में उपयोग के लिए उपर्युक्तता अधिक है और यह ज्यादा समय तक असरदार रहती है।

लेकिन टाइफाइड की कोई भी व्यक्ति 100% काम नहीं करती है।

सावधानियां (Typhoid Precautions in Hindi)

टीकाकरण से पूरी तरह से सुरक्षा नहीं मिल पाती है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान जहां खतरा अधिक है निम्नलिखित सावधानियां होनी चाहिए-

  • हाथ धोना-गर्म पानी व साबुन के साथ बार-बार हाथ धोना चाहिए। संक्रमण से बचाव करने के लिए सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। खाना बनाने व खाने से पहले और टॉयलेट के बाद अपने हाथों को अच्छे से धोएं। अपने हाथ अल्कोहल वाले सैनिटाइजर से साफ करते रहे। अगर पानी ना हो तो इसका प्रयोग अवश्य करें।
  • बिना साफ किया पानी ना पिए-जिन क्षेत्रों में टाइफाइड का खतरा अधिक होता है। वहां पर खास तौर पर दूषित पानी की समस्या मिल जाती है। इसी वजह से हमेशा बोतलिया के नाती में बंद पानी है अन्य पेय पदार्थ ही पीना चाहिए। कार्बोनेटेड पानी बिना कार्बोनेटेड किए गए पानी के मुकाबले अधिक सुरक्षित होता है।
  • पीने वाले पानी में बर्फ ना मिलाएं। दांतों को ब्रश करने के लिए भी बोतल वाले पानी का इस्तेमाल करें और नहाते समय पानी मुंह के अंदर न जाने दें।
  • कच्चे फलों व सब्जियों को ना खाएं-क्योंकि कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों व फलों को असुरक्षित पानी में धोया जा सकता है खासतौर से ऐसी सब्जियों को जो ना खाएं जिनका चिलकाना उतार पाएं जैसे सलाद आदि। पूरी तरह से सुरक्षित रहने के लिए आपको कच्ची सब्जियों फलों व बिना पके हुए खाद्य पदार्थ खाना पूरी तरह से बंद कर देना पड़ेगा।
  • पानी की टिक्की बिल्कुल भी ना खाएं।
  • गरम आहार खाएं-ऐसे खाद्य पदार्थों को ना खाएं जिनकी सामान्य तापमान में रखा गया हो या बनाया गया हो। हमेशा गरम गरम ताजा पका हुआ भोजन ज्यादा सुरक्षित होता है। वैसे तो किसी भी बड़े से बड़े होटल में भी अच्छा अशुद्ध खाना मिलने की गारंटी नहीं होती है लेकिन फिर भी सड़क किनारे मिलने वाले भोजन से बचना चाहिए क्योंकि इनका खाना दूषित होने की संभावना अधिक होती है।

अन्य लोगों को संक्रमित करने से बचें  

यदि आप टाइफाइड बुखार से ठीक हो रहे हैं तो कुछ उपाय की मदद से आप हमें लोगों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

  • एंटीबायोटिक दवाएं लें-डॉक्टर के बताए जाने के अनुसार अपनी एंटीबायोटिक दवाओं को समय पर लेते रहे। यदि आप का इलाज पूरा होने से पहले आप स्वस्थ महसूस कर रहे हैं । फिर भी दबाव को बीच में ना छोड़े।
  • अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें-हमें लोगों में टाइफाइड का संक्रमण फैलने से बचाने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ धोते रहना चाहिए। हाथ धोने के लिए साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करें और हाथों को कम से कम 30 सेकंड तक रगड़ कर धोते रहे। खास तौर पर खाना खाने से पहले और टॉयलेट जाने के बाद अपने हाथों को जरूर धोना चाहिए।
  • खुद से खाना ना बनाएं-जब तक आप टाइफाइड से संक्रमित हैं, तब तक आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए खाना ना बनाएं। यदि आप किसी फूल इंडस्ट्री या स्वास्थ्य देखभाल सेवा में काम कर रहे हैं तो आपको तब तक काम पर नहीं जाना चाहिए जब तक टेस्ट के रिजल्ट में आप पूरी तरह से संक्रमण रहित ना हो पाए।

टाइफाइड बुखार की जांच (Typhoid Fever Tests in Hindi)

दूषित खानपान के बाद उनमें मौजूद सालमोनेला नामक बैक्टीरिया आंत तक पहुंच जाता है। खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं बैक्टीरिया को खून में से ले जाती हैं। इस समय के दौरान बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। बैक्टीरिया अब पित्त प्रणाली में आ जाता है। और यहां आकर बहुत अत्यधिक मात्रा में अपनी संख्या में वृद्धि कर लेते हैं। इसके बाद बैक्टीरिया आंत मार्ग से होते हुए  मल में चले जाते हैं। इसका निदान मल सैंपल द्वारा किया जाता है। अगर परीक्षण ठीक नहीं आते हैं तो उनके या यूरिन के सैंपल से इसका परीक्षण किया जाता है।

टाइफाइड क्या है? (What is Typhoid)

टाइफाइड का इलाज (Diagnosis of Typhoid in Hindi)

1. एंटीबायोटिक दवाएं

टाइफाइड बुखार के इलाज में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन ही एकमात्र प्रभावशाली तरीका है।

ज्यादातर इस्तेमाल होने वाली दवाइयां

  • सिप्रोफ्लाक्सिन(Ciprofloxacin)-डॉक्टर अक्सर यह दवा लेने का सुझाव देते हैं। यह दवा करोड़पति महिलाओं को नहीं दी जाती है।
  • Ceftriaxone-यह एंटीबायोटिक दवा इंजेक्शन के माध्यम से उन लोगों को दी जाती है जिन्हें सिप्रोफ्लोक्सासिन नहीं दिया जा सकता है जैसे कि छोटे बच्चे।

इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं और लंबे समय तक इनका इस्तेमाल करने से इनका प्रभाव खत्म हो जाता है।

2. अन्य इलाकों में शामिल है

  • तरल पदार्थों का सेवन करना

यह लंबे समय से रहने वाले बुखार और दस्त के कारण होने वाले निर्जलीकरण से बचाता है। अगर आप गंभीर गुस्से में बिजली करण के शिकार हो गए हैं तो आपको नसो द्वारा तरल पदार्थ दिया जा सकता है।

  • सर्जरी

अगर आप की आंत मैं छेद हो गए हैं तो उन्हें ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता है।

टाइफाइड बुखार के अधिकांश मामलों का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता केवल गंभीर स्थिति में ही हो सकती है।

टाइफाइड के नुकसान (Typhoid Complications in Hindi)

टाइफाइड बुखार की सबसे गंभीर जटिलताएं-आंतो में खून बहना या आंतो में छेद बीमारी के तीसरे हफ्ते में विकसित हो सकता है। छेद छोटी या बड़ी आत में हो सकता है

अन्य जटिलताएं निम्नलिखित हैं:

  • दिल की मांसपेशियों की सूजन
  • हृदय और वोल्वो की अंदरूनी परत में सूजन
  • निमोनिया
  • अग्न्याशय की सूजन
  • गुर्दे का संक्रमण
  • आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास मौजूद मेंब्रेन और तरल पदार्थ का संक्रमण और सूजन
  • मानसिक समस्या

FAQ

टाइफाइड कितने दिनों में ठीक हो जाता है?

यदि टाइफाइड बुखार का पता शुरुआती चरण में चल जाता है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक गोलियों का एक कोर्स देंगे। अधिकांश लोगों को साथ से 14 दिनों के लिए उन्हें लेने की आवश्यकता होती है। एंटीबायोटिक लेने के 2 में से 3 दिनों के भीतर आपके लक्षणों में सुधार होना शुरू हो जाता है। शंकर में जो व्यक्ति को दवाओं का पूरा कोर्स करने के बाद ही दवाएं छोड़नी चाहिए।

क्या टाइफाइड दोबारा हो सकता है?

कुछ लोगों को एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स करने के बाद भी टाइफाइड बुखार दोबारा हो जाता है। इन मामलों में आमतौर पर एंटीबायोटिक उपचार समाप्त होने के 1 सप्ताह बाद लक्षण वापस आ जाते हैं।

दूसरी बार टाइफाइड होने पर लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और पहली बार की तुलना में कम समय तक रहते हैं। लेकिन आमतौर पर दूसरी बार भी एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से ही उपचार किया जाता है।

टाइफाइड कितने दिनों तक रह सकता है?

संक्रमित व्यक्ति के लक्षण खत्म हो जाने के बाद आपको अपने मल का टेस्ट करवाने की आवश्यकता होती है। यह जानना भी अति आवश्यक होता है कि आपके मल में बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं। यदि हां तो आप टाइफाइड संक्रमण फैला सकते हैं। जीवाणुओं का शरीर से खत्म करने के लिए आपको एंटीबायोटिक दवाओं का एक और 28 दिनों का कोर्स करने की आवश्यकता हो सकती है।

जब तक टेस्ट से यह साबित नहीं हो जाता है कि आप बैक्टीरिया से मुक्त हैं। तब तक आप किसी और का भोजन ना पकाएं ना पढ़ो से यहां तक कि उसे हाथ भी ना लगाएं।

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