Ashwagandha Benefits in Hindi: अश्वगंधा आयुर्वेदिक की सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक है। यह जड़ी-बूटी प्राकृतिक चिकित्सा में वर्षों से प्रयोग में लाई जा रही है।
मांसपेशियों के टूट-फूट की रिपेयर करने और मांसपेशियों को निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह अश्वगंधा तनाव को दूर करता है।
ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है एकाग्रता में सुधार करता है। अश्वगंधा एथलेटिक गतिविधियों को सुधारने और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में काफी लाभकारी साबित होता है।
इस अश्वगंधा को प्रोटीन पाउडर के विकल्प के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है।
अश्वगंधा क्या है? (What is Ashwagandha)
अलग-अलग देशों में अश्वगंधा कई प्रकार की होती है, लेकिन असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है।
अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता अच्छी होती है।
तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही अच्छा माना जाता है। अश्वगंधा के दो प्रकार हैं:
छोटी असगंध (अश्वगंधा)
इसकी झाड़ी छोटी होने से यह छोटी असगंध कहलाती है, लेकिन इसकी जड़ बड़ी होती है। राजस्थान के नागौर में यह बहुत अधिक पाई जाती है और वहां के जलवायु के प्रभाव से यह विशेष प्रभावशाली होती है। इसीलिए इसको नागौरी असगंध भी कहते हैं।
बड़ी या देशी असगंध (अश्वगंधा)
इसकी झाड़ी बड़ी होती है, लेकिन जड़ें छोटी और पतली होती हैं। यह बाग-बगीचों, खेतों और पहाड़ी स्थानों में सामान्य रूप में पाई जाती है।
असगंध में कब्ज गुणों की प्रधानता होने से और उसकी गंध कुछ घोड़े के पेशाब जैसी होने से संस्कृत में इसकी बाजी या घोड़े से संबंधित नाम रखे गए हैं।
अश्वगंधा के फायदे | Ashwagandha Benefits
शारीरिक प्रदर्शन में फायदेमंद
नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन करना मांसपेशियों के नुकसान को ठीक करने और मांसपेशियों के निर्माण को बढ़ाने और ऊर्जा के स्तर को बेहतर करने में खासतौर पर फायदेमंद साबित हो सकता है।
पुरुषों और महिलाओं दोनों पर किए गए अध्ययनों में यह पाया गया है कि रोजाना अश्वगंधा का सेवन करने वाले लोगों का शारीरिक फिटनेस बहुत अच्छा होता है।
व्यायाम के दौरान आप ज्यादा शक्ति और ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं जिससे स्केलेबल को बढ़ाने में यह अश्वगंधा लाभदायक साबित होता है। अश्वगंधा लेने से बहस को और एथलीटों के प्रदर्शन में काफी सुधार देखा गया है।
अवसाद और चिंता का जोखिम कम
अश्वगंधा शारीरिक फिटनेस को तो ठीक करता ही है। यह मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है।
शोधकर्ताओं ने सिजोफ्रेनिया वाले 66 लोगों में अश्वगंधा के प्रभावों को देखा है जो अवसाद और चिंता का अनुभव कर रहे थे। जिन लोगों में 12 सप्ताह तक रोजाना 1000ml अश्वगंधा के अर्थ का सेवन किया, उनमें इस तरह की समस्या का जोखिम कम पाया गया।
अश्वगंधा मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
प्रजनन क्षमता संबंधी लाभ
अश्वगंधा प्रजनन क्षमता को भी सुधारने वाली एक महत्वपूर्ण कारगर औषधि मानी जाती है। पुरुषों की प्रजनन क्षमता को लाभ पहुंचाने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में इसको प्रभावी देखा गया है।
अध्ययन में पाया गया है कि 40 से 70 वर्ष के लोग 43 पुरुषों को 8 सप्ताह तक रोजाना अश्वगंधा अर्क को दिया गया। निष्कर्ष में यह पाया गया कि यह टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को बढ़ाने में बेहतर लाभ पहुंचाता है।
पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए भी डॉक्टर इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।
सफेद बाल की समस्या में अश्वगंधा के फायदे (Use Ashwagandha Powder to Stop Gray Hair Problem in Hindi)
अश्वगंधा के उपयोग से समय से पहले बालों के सफेद होने की समस्या ठीक होती है। इसके लिए आप 2-4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण (Ashgandha Churn benefits) का सेवन करें।
आंखों की ज्योति बढ़ाए अश्वगंधा (Ashwagandha Benefits in Increasing Eyesight in Hindi)
आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए 2 ग्राम अश्वगंधा, 2 ग्राम आंवला (धात्री फल) और 1 ग्राम मुलेठी को आपस में मिलाकर, पीसकर अश्वगंधा चूर्ण कर लें।
एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को सबह और शाम पानी के साथ सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है। अश्वगंधा के प्रयोग से आँखों को आराम मिलता है।
गले के रोग (गलगंड) में अश्वगंधा के पत्ते के फायदे (Ashwagandha Uses to Cure Goiter in Hindi)
अश्वगंधा के फायदे के कारण और औषधीय गुणों के वजह से अश्वगंधा गले के रोग में लाभकारी सिद्ध होता है।
अश्वगंधा पाउडर (ashwagandha powder benefits) तथा पुराने गुड़ को बराबार मात्रा में मिलाकर 1/2-1 ग्राम की वटी बना लें।
इसे सुबह-सुबह बासी जल के साथ सेवन करें। अश्वगंधा के पत्ते का पेस्ट तैयार करें। इसका गण्डमाला पर लेप करें। इससे गलगंड में लाभ होता है।
टीबी रोग में अश्वगंधा चूर्ण के उपयोग (Ashwagandha Benefits in Tuberculosis (T.B.) Treatment in Hindi)
अश्वगंधा चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा को असगंधा के ही 20 मिलीग्राम काढ़े के साथ सेवन करें। इससे टीबी में लाभ होता है।
अश्वगंधा की जड़ से चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 2 ग्राम लें और इसमें 1 ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण, 5 ग्राम घी और 5 ग्राम शहद मिला लें। इसका सेवन करने से टीबी (क्षय रोग) में लाभ होता है।
अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha benefits in hindi) टीबी के लिए उपचारस्वरुप
अश्वगंधा के इस्तेमाल से खांसी का इलाज (Ashwagandha Uses in Getting Relief from Cough in Hindi)
असगंधा की 10 ग्राम जड़ों को कूट लें। इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर 400 मिलीग्राम पानी में पकाएं। जब इसका आठवां हिस्सा रह जाए तो आंच बंद कर दें।
इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से कुकुर खांसी या वात से होने वाले कफ की समस्या में विशेष लाभ होता है।
असगंधा के पत्तों से तैयार 40 मिलीग्राम गाढ़ा काढ़ा लें। इसमें 20 ग्राम बहेड़े का चूर्ण, 10 ग्राम कत्था चूर्ण, 5 ग्राम काली मिर्च तथा ढाई ग्राम सैंधा नमक मिला लें।
इसकी 500 मिलीग्राम की गोलियां बना लें। इन गोलियों को चूसने से सब प्रकार की खांसी दूर होती है। टीबी के कारण से होने वाली खांसी में भी यह विशेष लाभदायक है। अश्वगंधा के फायदे खांसी से आराम दिलाने में उपचारस्वरुप काम करता है।
Disclaimer: यह लेख सोशल मीडिया की जानकारी पर आधारित है खबरी ज्ञान इसकी पुष्टि नहीं करता है। आप बिना चिकित्सक के इस्तेमाल ना करें।