Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi | Kenneth Anderson

Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi: इस कहानी की शुरुआत कर्नाटक के शिवमोगा जिले से होती है। उस समय  कर्नाटक राज्य बना नहीं था । उस समय इस राज्य को मैसूर के नाम से जाना जाता था। आज के समय में यह जिला भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है।

शिवमोगा इस जिले का मुख्यालय भी है और यह तुंगा नदी के किनारे मलायनाडु क्षेत्र में बसा हुआ क्षेत्र है। इसे पश्चिमी घाट का द्वार के नाम से भी सभी जानते है।

इसके चारों ओर धान के  हरी-भरी सुंदर खेत और नारियल के पेड़ है। शिवमोगा क्षेत्र में स्टील उत्पादन की बहुत जगह हैं। यहां से कुछ दूरी पर  जोलडाल नामक जगह है जिसमें कुछ ही घर हैं।

यहां पर एक फारेस्ट बंगला था जिसमें कभी कबार अंग्रेज अफसर आकर रुकते थे। इस फॉरेस्ट बंगले का एक केयरटेकर भी था जिसका नाम अनंतास्वामी था। कैनेथ एंडरसन बेंगलुरु में ही रहते थे और कर्नाटक के हर जिले में उनका आना-जाना रहता था।

कैनेथ एंडरसन अपने काम से फुर्सत निकालकर जंगलों में घूमा करते थे और जंगलों में आया जाया करते थे। इस जगह पर भी वह कई बार आ चुके थे और पिछली बार वह इस जगह पर लगभग 7 साल पहले आए थे।

उस समय अनंतास्वामी की एक छोटी लड़की थी। वह उस लड़की के साथ खेला करते थे। वह लड़की भी उनकी बंदूक से खेलती थी। कभी उनकी गाड़ी को अपना घर बनाती थी और फिर कार के दरवाजों से निकलकर ऐसे कार का दरवाजा खोलती थी जैसे वह अपने घर के दरवाजे को खोल रही है।

Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi

यह लड़की उस समय 10 या 12 साल की थी। एक बार केनेथ एंडरसन के यहां उनके एक मित्र उसी जगह के रहने वाले उनसे मिलने आए। कैनेथ एंडरसन सब जगह का हाल-चाल उनसे पूछ रहे थे तभी उन्होंने इस टाइगर के आतंक के बारे में भी केनेथ एंडरसन को बताया। उन्होंने बताया उस फॉरेस्ट बंगले के आसपास एक आदमखोर टाइगर एक्टिव हो गया है ।

Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi 

उस आदमखोर टाइगर ने वहां पर कई लोगों को मारा है। और उसने अनंतास्वामी कि उस लड़की को भी मार दिया है। जो कि उस फॉरेस्ट बंगले के केयरटेकर थे।

यह जानकर कैनेथ एंडरसन को बहुत दुख हुआ उनकी आंखों के सामने वही 7 साल पहले वाली लड़की और उसका खेल घूम रहा था कि वह किस प्रकार उनकी बंदूक से खेलती थी। उस समय जब टाइगर ने उस लड़की पर हमला किया। वह लड़की 18 साल की थी और पास ही के सोते से पानी लेने गई थी। तभी टाइगर ने उस पर हमला बोल दिया और उसे अपने मुंह में दबा लिया।

लड़की की चीख सुनकर उसका पिता भी जल्दी से उस जगह पर पहुंचा। वहां उसके पिता ने देखा कि उसकी लड़की को टाइगर ने मुंह में दबा दिया है और वह टाइगर उसे लेकर जंगल में भागता जा रहा है। वह जल्दी से अपने फॉरेस्ट बंगले पर गया और वहां से कुल्हाड़ी लेकर उसके पीछे भागने लगा ।

उसकी लड़की की आवाज धीरे-धीरे शांत होती गई। अब वह लड़की मर चुकी थी। लेकिन टाइगर उस  लड़की को लेकर जल्दी जल्दी जंगल में घुस गया । अनंतास्वामी वहीं पर रुक गया। ऐसी ही एक दूसरी घटना जोलडाल गांव में और घटी।

एक लड़का पास की नदी में मछली मारने के लिए गया था। जब वह लड़का शाम तक नहीं लौटा तो उसके घर वालों को चिंता हुई। तब उस लड़के का बाप और बड़ा भाई नदी पर उसकी खोज में गए। वहां पर एक टोकरी मिली जिसमें मछलियां भरी हुई थी और उसके पास ही मछली मारने की बर्छी भी मिली थी। लेकिन उस लड़के का वहां पर कोई अता पता नहीं चला ।

काफी  देर तक खोजने पर उन लोगों को वहां से कुछ दूरी पर जमीन पर खून के छींटे मिले और बाघ के पंजों के निशान मिले। वे समझ गए कि उस लड़के को उस टाइगर ने मार डाला। थक हारकर सभी वापस आ गए क्योंकि रात अधिक हो चुकी थी। अंतिम संस्कार के लिए भी उस लड़के के शरीर के कोई भी भाग नहीं मिले।

उसी गांव में एक और घटना घटित हुई। एक कमजोर दिमाग वाला विक्षिप्त आदमी जाने कहां से आ गया। वह किसी से कुछ नहीं बोलता था।  किसी को उसके बारे में कुछ नहीं पता था। लोग उसको कभी कबार खाने के लिए भोजन दे देते थे। वह कमजोर दिमाग वाला आदमी अचानक से गायब हो गया। लोग सोचने लगे वह आदमी पागल है। शायद  कहीं चला गया होगा।

तभी कुछ लोग बाजार से लौट रहे थे । तभी लोगों ने रास्ते में एक व्यक्ति की गर्दन कटी हुई बीच रास्ते में पड़ी हुई देखी। लोगों ने जब ध्यान से देखा तो वह उसी कमजोर दिमाग वाले आदमी की गर्दन थी। कैनेथ एंडरसन को जब इस घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने निश्चय कर लिया कि वह इस बाघ को मारने के लिए जरूर जाएंगे।

एक दिन कैनेथ एंडरसन सुबह ही अपनी गाड़ी से वहां जाने के लिए निकल पड़े । सड़क का रास्ता केवल जोलडाल तक ही जाता था। उसके बाद खड़ी चढ़ाई पर पैदल ही जाना होता। 10 मील का सफर पैदल करके कैनेथ एंडरसन उस फॉरेस्ट बंगले तक पहुंचे।

वहां पहुंचकर उन्होंने वहां के केयरटेकर अनंतास्वामी को सांत्वना दी और उनको विश्वास दिलाया कि अगले कुछ ही समय में वह उस बाघ को जरूर मार देंगे। जोलडाल से उस फारेस्ट बंगले की दूरी 10 मील थी । यह फॉरेस्ट बंगला जंगल के बीचो बीच बनाया था। जिसके आसपास कोई घर नहीं था। यह संभावना जताई जा रही थी कि यह टाइगर बंगले के पास नहीं लौटे। एंडरसन फिर से जोलडाल के लिए निकल पड़े। अनंतास्वामी ने उनके रुकने की वहीं पर व्यवस्था कर दी थी।

लेकिन कैनेथ एंडरसन ने जल्द ही वहां पर लौटने का वादा करके चल दिए। खतरनाक घने जंगलों के रास्ते से वह फिर से जोलडल पहुंचे। कैनेथ एंडरसन सुबह से बहुत ज्यादा सफर कर चुके थे । इतना सफर करने से वह बहुत थक चुके थे और उन्हें जल्दी ही नींद भी आ गई। तभी एंडरसन को रात में टाइगर की बोलने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही केनेथ एंडरसन बरामदे में आकर खड़े हो गए और अंदाजा करने लगे कि यह आवाज किधर से आ रही है।

उन्होंने रात में निकलना ठीक नहीं समझा लेकिन सुबह होते ही वह उस तरफ चले गए जहां से आवाज आ रही थी। जिस रास्ते से वह जोलडाल से फॉरेस्ट बंगले तक पहुंचे थे। उसी रास्ते में वह बाघ बोल रहा था। सुबह होते ही वह अपनी राइफल के साथ उसी रास्ते पर चल दिए। लगभग 1 घंटा चलने के बाद कैनेथ एंडरसन को सड़क पर टाइगर के पंजों के निशान मिले ।

टाइगर के पंजों के निशान बंगले की ओर जा रहे थे और आगे बढ़ने पर टाइगर के पंजों के निशान फॉरेस्ट बंगले के पास तक मिल गए। कैनेथ एंडरसन जब बंगले पर पहुंचे तो अनंतास्वामी उनको इतनी सुबह सुबह देखकर चकित रह गए। कैनेथ एंडरसन ने अनंतास्वामी से पूछा क्या तुमने रात में किसी टाइगर की आवाज सुनी है।अनंतास्वामी ने कहा मैंने तो कोई आवाज नहीं सुनी लेकिन जंगली जानवर चीतल सांभर अलार्म कॉल  जरूर कर रहे थे जैसे कोई टाइगर है।

कैनेथ एंडरसन ने बताया टाइगर तुम्हारे बंगले के आस-पास ही कहीं छुपा हुआ है। तभी कैनेथ एंडरसन ने फैसला किया कि वह रात में यही बंगले के आसपास ही रुकेंगे। लेकिन उनको समझ में नहीं आ रहा था कि वह किस पेड़ पर मचान बनाकर बैठे या कहां पर रुके ।

कैनेथ एंडरसन के दिमाग में एक पुतले की योजना आई। योजना के अनुसार कैनेथ एंडरसन ने एक आदमी का पुतला बनाया और उसे उस पानी के सोते के पास रख दिया है जहां पर से वह बाघ ने उस लड़की पर हमला किया और उसे उठाकर ले गया था।

एक दूसरी जगह और चुनी वहां पर उन्होंने अनंतास्वामी की चारपाइयों को मंगवा कर उन चारपाइयों को आपस में जोड़ कर दो लोगों के छिपने के लायक जगह बनवा दी । उन्होंने बताया कि वह पूरी रात यहीं पर छिपे रहेंगे अगर टाइगर आता है तो अनंतास्वामी किसी प्रकार की आवाज नहीं करें ताकि उस टाइगर को कुछ भी आभास न हो पाए कि यहां कोई छिपा हुआ बैठा है और फिर उसे आसानी से गोली मारी जा सकती है। इसमें खतरा जरूर है लेकिन दूसरा कोई रास्ता दिख नहीं रहा है।

उस क्षेत्र में एक कहानी बहुत ज्यादा प्रचलित थी जिसमें एक टाइगर और एक सियार की अनूठी दोस्ती के बारे में बताया गया था। जिसमें एक सियार जंगल में जाकर किसी शिकार को देखकर अजीब तरीके की आवाज निकालने लगता था जैसे मान लो वह सियार उस शिकार की पोजीशन के बारे में उस टाइगर को बता रहा हो । शिकार की स्थिति पाकर टाइगर चुपके से शिकार पर हमला बोल देता था।

शिकार को मारने के बाद टाइगर आराम से उस शिकार को खाता और बचा कुचा उस सियार को दे देता था। कैनेथ एंडरसन और अनंतास्वामी दोनों लोग रात में उस पुतले के पास चारपाइयों के अंदर बैठे हुए थे। रात को करीब 11:00 बजे एक सियार तेज आवाज में अजीब तरीके से बोलने लगा। सियार का बोलने का मतलब यही था कि उसने टाइगर के लिए शिकार चुनकर टाइगर को बता दिया है।

एंडरसन समझ गए कि उस सियार ने उस पुतले की नहीं बल्कि उनकी स्थिति का पता लगा लिया है और उस टाइगर को बता दिया है। सियार और टाइगर के किस्से उस क्षेत्र में सभी लोग जानते थे इसलिए दोनों को बहुत डर लगने लगा। अनंतास्वामी उस बंगले पर अकेले ही रहते थे । उनके साथ उनका एक कुत्ता रहता था ।

जब उस कुत्ते को अनंतास्वामी के बारे में कुछ पता नहीं चला तो वह उनको ढूंढते हुए बाहर आ गया । वह उस पानी के सोते के पास आ गया। जहां से सियार बोल रहा था। वह कुत्ता सियार को देखकर खूब तेज आवाज में भौंकने लगा। कुछ देर तक भोकने के बाद सियार भी चुप हो गया और कुत्ता भी अपने मालिक को ना पाकर वहां से चला गया।

Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi

उस सियार के बोलने के कारण टाइगर को उन दोनों  की लोकेशन पता चल गई थी। अब वहां पर बिल्कुल शांति छा गई थी और दोनों पर हमला किस तरफ से होगा। यह दोनों को समझ नहीं आ रहा था। अनंतास्वामी बहुत डर गए थे। कैनेथ एंडरसन उनको सांत्वना दे रहे थे । तभी कुछ ही देर में एक भारी जानवर के चलने की आवाज सुनाई दी। जो कि उस पुतले की तरफ बढ़ रहा था। कैनेथ एंडरसन ने अनंतास्वामी के हाथ में टॉर्च देकर कहा कि जब वह बोले तभी टॉर्च को जलाएं।

अब वह भारी जानवर उस पुतले की तरफ बढ़ता जा रहा था। अब वह भारी जानवर उस पुतले  पर जाकर रुक गया । अंधेरा होने के कारण एंडरसन अभी समझ नहीं पा रहे थे यह कौन है। इसी बीच उन्हें टाइगर की जोरदार दहाड़ सुनाई दी जैसा कि वह हमला करते समय दहाड़ते हैं। टाइगर उस पुतले पर कूद पड़ा था।

कैनेथ एंडरसन ने अनंतास्वामी को निर्देश दिया कि वह टोर्च जलाएं। उन्होंने टॉर्च तो चलाया लेकिन टाइगर की ओर नहीं बल्कि कैनेथ एंडरसन के मुंह की तरफ करके जला दिया। कैनेथ एंडरसन ने जल्दी से एक हाथ से टॉर्च छीना और पुतले की तरफ कर दिया। कैनेथ एंडरसन ने देखा वह टाइगर उस पुतले पर हमला कर रहा है परंतु टॉर्च की रोशनी पढ़ते ही वह वहां से उछलकर एकदम अंधेरे में गायब हो गया।

एंडरसन को अनंतास्वामी की बेवकूफी पर काफी गुस्सा आ रहा था उन्होंने अनंतास्वामी को इसीलिए रखा था कि वह एक हाथ से टोर्च जलाएं और जब तक वह उस टाइगर पर गोली मार दे। लेकिन आज अनंतास्वामी की वजह से सारा काम बिगड़ गया। लेकिन वे यह भी जानते थे कि डर के कारण ही इंसान गलती तो कर ही देते हैं।

वह दोनों लोग वापस बंगले पर लौट आए और अपने बिस्तर पर सोने की कोशिश करने लगे। अगली सुबह कैनेथ एंडरसन ने उस टाइगर को खोजने का बहुत प्रयास किया लेकिन उस टाइगर का कुछ पता नहीं चला। रात में उन्होंने फिर से उसी जगह रुकने का विचार बनाया और उसी जगह आकर छुप गए।

इस बार उन्होंने अपने कुत्ते को उसी बंगले में बंद कर दिया था। रात को कैनेथ एंडरसन को आभास हुआ कि उन्होंने यहां पर बैठ कर गलती कर दी क्योंकि टॉर्च की रोशनी होने से उस जानवर को खतरे का आभास हो गया था कि हो सकता है। वह टाइगर अब वहां पर दोबारा नहीं आए। और यह भी हो सकता था कि अबकी बार टाइगर उन्हीं दोनों लोगों पर हमला करने के लिए आए।

कैनेथ एंडरसन पूरी रात जागे रहे लेकिन वह टाइगर आया नहीं और ना ही वह सियार ही वहां पर आया। रात होने  पर उनको कुछ दूरी पर एक हिरण के बोलने की आवाज सुनाई दी। अगली सुबह कैनेथ एंडरसन उस जगह पर गए जहां पर उनको लग रहा था कि यहां से  उस हिरण के बोलने की आवाज आ रही थी। लेकिन उन्हें वहां पर कोई भी ऐसे निशान नहीं मिले।

कैनेथ एंडरसन काफी निराश हो गए क्योंकि इतनी मेहनत करने के बाद भी उनके हाथ कुछ नहीं लगा । उन्होंने कुछ हटके योजना बनाई है। अबकी बार उन्होंने उस पुतले की जगह को बदल दिया और अपने लिए भी नई जगह की खोज करी । शाम होते होते उन्होंने अपने लिए एक दूसरी जगह की खोज कर ली और उस पुतले की जगह भी बदल दी। धीरे-धीरे वह लोग रात होने का इंतजार करने लगे । 

तभी कुछ दूरी पर उन्हें सियार के बोलने की आवाज सुनाई दी। कुछ देर के बाद उन्हें टाइगर के बोलने की आवाज भी सुनाई दी । दोनों की आवाज सुनकर ऐसा लग रहा था मानो वह उन दोनों की तरफ ही बढ़ते हुए आ रहे हैं। कुछ देर के बाद दोनों की आवाज आना बंद हो गई।

अब एंडरसन को यह पता नहीं चल पा रहा था कि अब आगे क्या होगा। वे समझ नहीं पा रहे थे कि वह सियार और टाइगर दोनों ही उनकी तरफ आ रहे हैं या कहीं दूसरी तरफ चले गए हैं। एक समय उनको ऐसा लगा कि कोई छोटा जानवर उनकी तरफ चलता हुआ आ रहा है। तब कैनेथ एंडरसन के समझ में आ गया। यह कोई और नहीं बल्कि वह सियार है फिर कैनेथ एंडरसन के सिक्स सेंस ने उन्हें यह बता दिया कि खतरा उनकी ओर बढ़ता आ रहा है।

कैनेथ एंडरसन अपने दाएं बाएं अपनी आंखों पर जोर देकर देखने की कोशिश कर रहे थे। तभी अनंतास्वामी ने कैनेथ एंडरसन  को इशारे से बताया कि सामने देखो जहां पर कुछ देर पहले सियार को देखा था । अब उसी जगह एक बड़ा जानवर आकर बैठा हैं।

कैनेथ एंडरसन ने अनंतास्वामी को टॉर्च जलाने का इशारा किया। जब अनंतास्वामी इतने कहने पर भी टोर्च को नहीं जला पाए तो केनेथ एंडरसन ने उनके हाथ से टॉर्च को छीना और अपने हाथ में लेकर टॉर्च को उस टाइगर की ओर जलाया । उसकी आंखें टोर्च की रोशनी में चमक रही थी।

कैनेथ एंडरसन ने टॉर्च को उसकी ओर ही रखा और राइफल को उसकी ओर करके अंदाज से ही गोली चला दी। टॉर्च की रोशनी पढ़ते ही उस टाइगर ने भी उसी दिशा में तेज कदमों से चलना शुरू कर दिया।

कैनेथ एंडरसन को उसकी चमकती हुई आंखें दिखाई दे रही थी। कैनेथ एंडरसन ने दोनों आंखों के बीच में गोली चला दी । गोली लगते ही टाइगर अपने दोनों पैरों पर खड़ा हो गया। आगे के पंजों से अपने चेहरे को खुरचने लगा । गोली उसके माथे पर दोनों आंखों के बीच में जा कर धस गई थी।

Men Eater Tiger and Jackal Friendship Story in Hindi | Kenneth Anderson

उसके पिछले पैरों पर खड़े होते ही कैनेथ एंडरसन को उसके छाती दिखाई दे रही थी। तब कैनेथ एंडरसन ने उसके दिल को निशाना बनाते हुए एक गोली और चला दी। अब टाइगर जो गुस्से से दहाड़ रहा था अब वह दर्द से कराह रहा था और कुछ ही देर में उसके शरीर से हलचल होना बंद हो गयी।

कैनेथ एंडरसन ने बाहर निकल कर टोर्च की रोशनी से उस टाइगर को देखा तो वह मरा हुआ था। कैनेथ एंडरसन ने उस टाइगर को ध्यान से देखा तो वह टाइगर काफी बूढ़ा हो चुका था। उसके पंजे के नाखून भी टूट गए थे। साथ ही उसके केनाइन दांत भी टूट चुके थे। इसी कारण से वह जंगली जानवरों को अपना शिकार नहीं बना पाता था और उसने इंसानों को ही अपना शिकार बनाने शुरू कर दिया। इस तरह कैनेथ एंडरसन ने उस आदमखोर का शिकार करके कई लोगों की जान बचाई।

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