Segur Man Eater Tiger Story in Hindi: यह कहानी ऊटी की है। ऊटी पहाड़ी पर बसा एक हिल स्टेशन है जिसकी घाटियों में 2 नदियां बहती हैं जिनमें एक का नाम सेवर है और दूसरी का नाम अनायगूट है। एंडरसन अक्सर इन जगहों पर घूमने के लिए आया करते थे।
एंडरसन इन जगहों को इतना अच्छी तरीके से जान चुके थे कि यहाँ के सारे गांव की स्थिति के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी हो गई थी। वहीं पर एक आदमखोर बाघ एक्टिव हो गया था।
वह पहाड़ी के दोनों और आदमियों को मारने लगा। उस समय यहां जंगली जानवरों अधिक थे और जंगल भी ज्यादा थे। हाथी और बाघ का यहां पर होना आम बात थी। जंगलों के बीच में फॉरेस्ट बंगलो बना था जिनमें कैनेथ एंडरसन आकर रुकते थे।
जंगल में जंगली कुत्ते भी बहुत अधिक थे। वह जंगली हिरण को अपना शिकार बनाते थे। जंगली कुत्ते अक्सर झुंड बनाकर शिकार करते हैं जिनमें दो कुत्ते उनके पीछे दौड़ कर शिकार को थक जाने तक दौड़ाते। जबकि बाकी कुत्ते उन्हें आगे से घेर लेते हैं।
जंगली कुत्ते अपने शिकार को जिंदा ही खाने लगते हैं। जबकि बाघ और तेंदुए अपने शिकार को पहले गला दबाकर मार देते हैं। अगर देखा जाए सबसे भयंकर मौत और पीड़ादायक मौत जंगली कुत्तों के द्वारा ही होती है।
कैनेथ एंडरसन अपना एक किस्सा बताते हैं कि एक समय वह अपने बंगले पर सुबह नाश्ता कर रहे थे और अखबार पढ़ रहे थे। तभी उन्हें जंगली कुत्तों की आवाज सुनाई दी। वह अपनी बंदूक लेकर जल्दी-जल्दी बाहर निकले और वह उस जगह की ओर चल पड़े जहां से वह आवाज आ रही थी।
Segur Man Eater Tiger Story in Hindi
कुछ समय बाद वहाँ जंगली कुत्तों की आवाज उन्हें अपनी तरफ आती हुई दिखी। तभी वह एक पेड़ के तने के पीछे छुप गए। और उस रास्ते को छोड़ दिया जहां से उन कुत्तों की आवाज आ रही थी। तभी जंगली कुत्तों की आवाज उनकी तरफ और तेजी से आने लगी जैसे मानो वह इनकी तरह ही शिकार करने के लिए आ रहे हैं।
लेकिन तभी कैनेथ एंडरसन ने देखा कि एक बाघ भागता हुआ चला रहा है और उसके पीछे जंगली कुत्ते आ रहे हैं। टाइगर के पैरों से खून निकल रहा है। तभी वह टाइगर पीछे पलटा और उसने एक कुत्ते को अपने मुंह में दबा लिया और उसको अपने पंजों से चीर डाला।
इसके बाद वह दूसरे कुत्ते पर भी झपटा और उसको अपने मुंह में दबोच कर आगे की ओर चला गया। कुत्ते पीछे हटकर ऐसे चिल्ला रहे थे जैसे मानो अपने साथियों को आवाज दे रहे हैं। कुछ ही देर में वहां पर 10-12 कुत्तों का झुंड आ गया उस ओर चला गया जिस ओर बाघ भागता हुआ गया था।
कैनेथ एंडरसन सोच रहे थे कि उन्हें हिरण का शिकार देखने को मिलेगा लेकिन वहां तो बाघ को ही दौड़ा दिया। कैनेथ एंडरसन वापस अपने बंगले पर आ गए। कैनेथ एंडरसन नहीं चाहते थे कि उन्हें किसी को भी गोली मारनी पड़े क्योंकि अगर वह कैनेथ एंडरसन को देख लेते तो टाइगर उनके ऊपर हमला जरूर करते हैं।
कैनेथ एंडरसन को अपने बचाव में गोली चलानी होती। दोपहर बाद कैनेथ एंडरसन फिर उस जगह पर गए जहां पर टाइगर भागता हुआ गया था। वह आगे बढ़ते रहे तो कुछ दूरी पर पांच कुत्तों की लाशें पड़ी हुई मिली थी। आगे बढ़ने पर देखा तो टाइगर के नौचे हुए बाल भी वहां पड़े मिले थे। कैनेथ एंडरसन आगे बढ़ते गए।
तब उन्होंने देखा कि वहां पर टाइगर की लाश पड़ी हुई है जिसको कि कुत्तों ने खा लिया है और उस पर कुछ भी मांस नहीं छोड़ा है। टाइगर लड़ते-लड़ते थक गया होगा और उसने कुत्तों के आगे सरेंडर कर दिया होगा। फिर उन कुत्तों ने टाइगर को मार कर खा गए होंगे।
उस जंगल में आदिवासी लोग रहते थे। यह तीन आदिवासी जातियां में बट कर रहते थे। प्राचीन काल में विदेशी आक्रमणकारियों के कारण लोग जंगलों में आकर छिपकर रहने लगे और वहीं पर बस गए।
एक बार एक आदिवासी जाति का एक आदमी जंगल में मवेशी को चराने के लिए गया। इस आदमी के पास 50 से अधिक मवेशियों थी। वह जंगल में अपने मवेशियों को जोर जोर से हांक रहा था और वह तेज आवाज में गाना भी गा रहा था।
उस आदमी का गाना टाइगर को अपनी और आकर्षित करने लगा। वह टाइगर पहाड़ी के दूसरी ओर से इस गाने को सुनकर इस ओर आया। इससे पहले वह टाइगर पहाड़ी के दूसरी तरफ 20 से भी अधिक लोगों को मार चुका था। लोग अब उस तरफ सावधान रहने लगे। शाम होते ही वह अपने घरों में कैद हो जाते और अपने मवेशियों को भी जंगल में चराने के लिए नहीं ले जाते थे।
तब इस आदमखोर बाघ को खाना नहीं मिल रहा था और वह दूसरी तरफ जाने को मजबूर हुआ। वह आदमी जंगल में अपने पशुओं को चराता तेज आवाज में गाना गा रहा था। तभी टाइगर ने उस आदमी को पीछे से पकड़ा। और उसे मार दिया। अब जब टाइगर उस आदमी को पीछे से पकड़कर खींचने लगा और दूसरी जगह पर खाने के लिए ले जाने लगा।
तभी उसके मवेशियों ने उसकी चिखने की आवाज सुनकर उस टाइगर के ऊपर हमला कर दिया। वह टाइगर उस आदमी को छोड़कर भाग गया। कुछ मवेशी गांव में आ गए। तभी लोगों ने मवेशियों को अकेले बिना मालिक के देखा तो लोगों को शक हुआ। कि बिना अपने मालिक के यह मवेशी गांव में क्यों आ गए।
तब लोग झुंड बनाकर उस जंगल में खोज करने के लिए गए वहां पर उस आदमी की लाश और टाइगर के पंजे साफ साफ देखे जा सकते थे। उस आदमी की लाश को लेकर दो आदमी वापस आ गए। उसी शाम उस आदमी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उस आदमी के परिवार में एक उसकी मां बची थी। वह भी उसी रात बेटे के गम में मर गई।
इस प्रकार उस टाइगर ने एक नहीं दो लोगों का कत्ल किया। यह उस क्षेत्र में किसी इंसान को टाइगर द्वारा मारने की पहली घटना थी। दूसरी वारदात में पहाड़ी क्षेत्रों में महिलाओं को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी भरने के लिए जाना पड़ता है।
नदियों में पानी इन्हीं पहाड़ों पर से गिरता है और पहाड़ी लोगों के लिए इन्हीं पहाड़ों पर पानी के लिए बहुत दूर जाकर परेशानी झेलनी पड़ती है। यह बड़ी विडंबना जैसी बात है। एक महिला दोपहर का खाना बनाने के बाद जंगल के रास्ते नदी पर पानी भरने के लिए गई। वहां पर सेवर नदी बहती थी।
तभी टाइगर ने उस महिला पर हमला कर दिया और उसे दबोच कर जंगल में ले गया। जब काफी देर तक वह महिला नहीं आई। तब उसके घरवालों को कुछ अनहोनी की आशंका हुई और वह उसे खोजते हुए नदी पर पहुंचे। वहां उस महिला का पानी का बर्तन जमीन पर पड़ा हुआ था। परंतु उस महिला का वहां पर कुछ भी अता पता नहीं था। थोड़ा और खोजने पर वहां पर महिला के कटे फटे कपड़े मिले और वहीं पर बाघ के पंजों के निशान देखने को मिले।
अब उन लोगों को समझने में देर नहीं लगी कि इस महिला को टाइगर ने अपना शिकार बनाया है। गांव वालों की मदद से पूरे जंगल को खोजा गया लेकिन उस महिला की लाश नहीं मिली। जिससे वह लोग उस महिला का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाए क्योंकि हिंदू धर्म में अगर उस महिला का शरीर का कोई भी हिस्सा मिल जाता तो महिला का अंतिम संस्कार किया जा सकता था।
दो लोगों की हत्या के बाद एंडरसन को वहां पर बुलाया गया। एंडरसन ने जब दो लोगों के टाइगर के द्वारा मारे जाने की खबर सुनी तो अपना सामान और बंदूक उठाकर वह अपनी गाड़ी से ही उस गांव में पहुंचे। उन्होंने गांव वालों से उस घटना के बारे में पूरी जानकारी ली फिर वह पहली जगह पर मुआयना करने के लिए पहुंचे जहां मवेशियों ने उस आदमी की लाश को नहीं ले जाने दिया और उस टाइगर पर हमला किया था।
उस घटना को बीते काफी समय हो चुका था वहां पर एंडरसन को आदमी के सुखे हुए खून के निशान मिले और दूसरी जगह जहां पर नदी से उस महिला को टाइगर ने अपना शिकार बनाया था वहां भी कोई स्पष्ट निशान नहीं मिले जिससे उस टाइगर के जाने की दिशा के बारे में पता चल सके।
पूरे दिन उन्होंने काफी भागदौड़ की लेकिन कुछ भी फायदा नहीं हुआ। शाम को कैनेथ एंडरसन अपने रुकने के स्थान पर आ गए और वहां पर उन्होंने खाना खाया और लेट गए। और अगले दिन की योजना के बारे में सोच रहे थे वह सोचते सोचते उस पल को भी याद करने लगे। जब एक मां ने अपने बेटे के गम में अपने भी प्राण त्याग दिए।
इसके बारे में सोच रहे थे और सोचते सोचते ही वह सो गए क्योंकि वह काफी थक चुके थे। अगली सुबह जब लोगों ने उन्हें चाय के लिए उठाया तो वह उठे और वह चाय पी रहे थे। तभी वहां पर लोगों कि भीड़ आती दिख रही थी। भीड़ देखकर एंडरसन समझ गए कि वह कोई जरूरी खबर लेकर आए हैं उन्होंने बताया कि उनका एक आदमी शहद निकालने जंगल में गया था और अब तक नहीं लौटा है।
गांव वालों ने उसकी खोज शुरू की जब अंधेरा हो गया। तब वह सारे आदमी गांव लौट आए। किसी भी गांव वाले की इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह रात में उस व्यक्ति को खोजने निकले। एंडरसन ने उनमें से 20 आदमियों को अपने साथ ले लिया और उन सभी को चार-चार लोगों की टोली बनाकर जंगल में उस आदमी को खोजने के लिए भेजा।
वह खुद भी उन आदमियों के साथ थे। कई घंटों तक उस आदमी की खोज की गई फिर भी वह आदमी नहीं मिला। फिर आगे और चलने पर वह आदमी एक सूखे पानी के गड्ढे में पत्थरों के ऊपर पड़ा मिला। लोग सोच रहे थे कि इस आदमी को टाइगर ने मारा है। लेकिन कैनेथ एंडरसन ने जब उस आदमी को ध्यान से देखा तो उस आदमी पर गहरे नाखूनों के निशान थे।
टाइगर ने उस आदमी की लाश को खाया नहीं था जबकि जमीन पर किसी जानवर के पंजों के निशान भी नहीं मिले थे। एंडरसन ने ध्यान से देखा तो वहां भालू के पंजों के निशान मिले। भालू ने उस आदमी को मारा। भालू वैसे तो इंसानों से डरते हैं पर जब कभी वह अपने बच्चों के साथ होते हैं और अपने बच्चों पर खतरा देखते हैं तो वह इंसानों पर हमला कर देते हैं और उन्हें मार ही देते हैं।
तभी एंडरसन ने उन आदमियों से कहा चलो इस आदमी कि लाश को घर ले चलते हैं और इसकी लाश को घर वालों को दे देते हैं। लेकिन आदमी जाने को तैयार नहीं थे। वह यही कह रहे थे कि अब यह भालू बाकी आदमियों को भी मार देगा क्यों ना इस भालू को ही मार दिया जाए।
एंडरसन अपने मन से भालू को मारना नहीं चाहते थे लेकिन वह आदमी उनके ऊपर दबाव बना रहे थे कि यह हमारे बाकी आदमियों को भी मार देगा। तब एंडरसन बेमन से उस भालू को मारने के लिए चल दिए। एंडरसन ने उनमें से चार आदमियों को अपने साथ लिया और बाकी आदमियों को मरे हुए व्यक्ति की बॉडी को लेकर गांव जाने को कहा। केनेथ एंडरसन आगे बढ़ते जा रहे थे लेकिन उस भालू का कहीं पर नाम निशान नहीं था।
तभी वह खोजते खोजते एक गुफा के पास पहुंचे। उनको लगा कि भालू शायद इस गुफा के अंदर है। कैनेथ एंडरसन और बाकी लोगों ने गुफा के मुंह पर पत्थर मारे। पर वहां से कोई निकलकर नहीं आया। सभी लोग उस गुफा के अंदर जाने लगे। उस गुफा में काफी अंधेरा था और उसके अंदर कोई भालू नहीं था। आदमियों ने मशाल जलाकर फिर से एक बार उस गुफा के अंदर गए।
मशाल की रोशनी में भी उस गुफा में कुछ नहीं दिखा। वे लोग दुखी मन से उस गुफा से बाहर आ गए लेकिन एंडरसन मन ही मन खुश हो रहे थे कि उन्हें भालू को नहीं मारना पड़ा। तभी कुछ लोगों ने वहां पर भालू की रोटी को दिखाया। यह एक तरीके से भालू की उल्टी होती है। जिसको की भोजन की कमी के समय वह भालू फिर से खा लेता है।
तभी सभी लोग वहां पर बैठे ही थे। सभी एंडरसन की सिगरेट का आनंद ले ही रहे थे। तभी वहां पर मधुमक्खियां आ गई। पहले कुछ ही मधुमक्खी थी लेकिन उसके बाद मधुमक्खियों का झुंड वहां पर आ गया। सभी लोग वहां से इधर-उधर भागने लगे। कैनेथ एंडरसन पूरी तरीके से कवर थे उन्हें कम मधुमक्खियों ने काटा लेकिन बाकी आदमी जो कि पूरे कपड़े नहीं पहन रहे थे उनको मधुमक्खियों ने बहुत ज्यादा काट लिया और सभी को सूजन आ गई थी।
जब वह सभी लोग अपने गांव पहुंचे तो वह बहुत ज्यादा शूज चुके थे। उन लोगों ने जैसे-तैसे गांव पहुंचकर घरेलू प्राकृतिक इलाज करवाया जिससे वह ठीक हुए।
भालू को खोजने के बाद जब एंडरसन अपने बंगले पर पहुंचे। तब उन्होंने भरपेट खाना खाया और फिर सोने चले गए। सुबह उठते ही इनको अपने घर की ओर लोगों की भीड़ आती देख रही थी। एक महिला को टाइगर के द्वारा मारने की खबर लेकर आए थे। उसी गांव में एक महिला अपने पति के साथ रहती थी। उस महिला की नई-नई शादी हुई थी। उस महिला के पास कुछ मवेशी थे। एक शाम उसका पति खेत पर काम कर रहा था। उसकी पत्नी मवेशियों को नदी में पानी पिला रही थी। वहां पर तीन और आदमी अपनी मवेशियों को लेकर गए थे और महिला से कुछ दूरी पर वह अपने मवेशियों को पानी पिला रहे थे।
तभी वहां टाइगर आया और उस महिला को अपने पंजे में दबाकर ले गया उस महिला की चीख सुनकर तीनों आदमी उस तरफ दौड़ पड़े लेकिन तब तक वह टाइगर वहां पर नहीं था क्योंकि वह टाइगर उस महिला को वहां से ले जा चुका था। तीनों आदमी समझ गए कि उस महिला को टाइगर उठाकर ले गया है। वह आदमी जल्दी से भागे भागे गांव में आए और वहां से लोगों को अपने साथ लेकर उस महिला की खोज के लिए निकल पड़े। एंडरसन को भी उस महिला के मारे जाने की खबर मिल गई थी। एंडरसन भी उस गांव में पहुंच गए थे। वह सभी लोग वहां पर इकट्ठा हुए थे जहां पर महिला को टाइगर ने महिला को अपना शिकार बनाया था और वह महिला अपने पशुओं को पानी पिला रही थी। इसके बाद उस टाइगर के द्वारा महिला को घसीटने के निशान जमीन पर मिले जिनका पीछा करने पर महिला की लाश तक आसानी से पहुंचा जा सकता था।
एंडरसन अपने साथ ज्यादा लोगों को नहीं ले जाना चाहते थे इसलिए उन्होंने एक आदमी को अपने साथ रोक लिया बाकी लोगों को घर जाने को बोल दिया। उस भीड़ में महिला का पति भी शामिल था वह वापस जाने को तैयार नहीं था परंतु एंडरसन ने उसे वापस जाने के लिए कहा। उसके बाद वह आदमी भी वापस चला गया। अब कैनेथ एंडरसन और वह आदमी चिन्हों का पीछा करते हुए आगे बढ़ रहे थे। बाघ ने उस महिला को पेट पर से मुंह में पकड़ा था जिसके कारण उस महिला के पैर जमीन पर घसीटते हुए जा रहे थे। कई घंटों की मेहनत के बाद उन्हें उस महिला की बॉडी मिल गई। टाइगर ने उस महिला को काफी हद तक खा लिया था। टाइगर ने नाम मात्र को भी मांस को उस महिला पर नहीं छोड़ा था। एंडरसन ने उस आदमी की सहायता से उस महिला के बचे हुए शरीर के हिस्सों को एकत्रित करवाया और फिर वापस गांव में आ गए। और फिर उस महिला का अंतिम संस्कार करवा दिया।
तब एंडरसन ने उस टाइगर को मारने के लिए उसी गांव से 3 जवानों भैंसों को खरीदा और उचित जगह पर उनको बांध दिया जहां से टाइगर का नियमित मूवमेंट होता था। एंडरसन का अनुमान था कि वह टाइगर अगर किसी भी भैंस को मारता है तो वहां पर मचान बनाकर बैठेंगे और उस टाइगर को मार देंगे। अभी भैंस को बांधे कुछ ही समय हुआ था तभी उनको खबर मिली कि एक भैंस को उस टाइगर ने मार डाला है। एंडरसन ने जब जाकर देखा तो उस भैंस को टाइगर ने सुबह ही मार डाला था। एंडरसन दोपहर में वहां पर गए थे वहीं पर एक पेड़ ऐसा था जिस पर मचान बनाया जा सकता था। एंडरसन ने कुछ ही देर में वहां पर मचान बंधवा दिया। क्योंकि एंडरसन अपनी गाड़ी में एक चारपाई के दो हिस्से रखते थे। उनके द्वारा मचान बनाना आसान होता है और सुरक्षित भी।
शाम होने से पहले कैनेथ एंडरसन ने अपनी पोजीशन ले ली। कैनेथ एंडरसन की पूरी योजना पूरी रात वहां पर बैठने की थी। धीरे-धीरे रात और घनी होती गई। यह रात चांदनी वाली थी। कैनेथ एंडरसन को मचान पर से सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था। तभी वहां पर एक नेवले का जोड़ा वहां पर आया और उस भैंस को खाने लगा। वे अपने हिस्से का मांस उस भैस पर से खा चुका था। कुछ देर बाद वहां पर एक सियार आया वह भी उस भैंस को खाने चला गया और पेट भर कर खा कर चला गया। सुबह होने ही वाली थी तभी एक लकड़बग्घा उस भैंस के पास आया और वह 4:00 बजे तक उस भैंस को खाता रहा। उसके बाद पास ही की झाड़ियों से टाइगर तेजी से दहाड़ने लगा।
टाइगर की आवाज सुनकर लकड़बग्घा फौरन वहां से भाग गया। कैनेथ एंडरसन को लगा अब शायद टाइगर वहां आएगा। लेकिन सुबह होने तक टाइगर अपने शिकार पर नहीं आया। आदमखोर टाइगर दूसरे टाइगर से बहुत अधिक चालाक होता है और बहुत चौकन्ना होता है। वह थोड़ा सा भी खतरा होने पर तुरंत वहां से भाग जाता है और कभी उस जगह पर वापस नहीं लौटता है। टाइगर को भी मारी गई भैंस पर खतरा दिख रहा था शायद उसने एंडसन को देख लिया होगा। सुबह एंडरसन मचान से उतरकर अपने बंगले पर आ गए। अगले दिन फिर से पहला वाला रूटिंन जारी रखा जिसमें सुबह में भैंसों को बांध देते थे और आते समय फिर से उन भैसों को देखने जाते थे उनमें से किसी भी भैंस को उस टाइगर के द्वारा नहीं मारा गया। धीरे-धीरे हफ्ता बीतने लगा।
तब एंडरसन ने सोचा शायद वह इस बार टाइगर को मारने में सफल नहीं होंगे। उन्हें वापस बेंगलुरु लौट जाना चाहिए लेकिन ठीक उसी दिन उन्हें एक और लड़के के मारे जाने की खबर मिली। वह लड़का अपने पिता के लिए दोपहर का खाना लेकर खेत पर जा रहा था। तभी रास्ते में टाइगर ने उस लड़के को अपना शिकार बना लिया। टाइगर रास्ते में उस लड़के को घसीटते हुए ले गया। उस लड़के के घसीटने के निशान का पीछा करते-करते एंडरसन उस व्यक्ति की लाश तक पहुंच गए। उस लड़के के शरीर का कुछ ही भाग उस टाइगर के द्वारा खाया गया था। उम्मीद थी कि टाइगर इस जगह पर जरूर लौटेगा। वहां पर मचान बांधने के लिए कोई उपयुक्त पेड़ नहीं था तब एंडरसन ने लड़के की लाश को 50 मीटर दूर करवा दिया और एंडरसन ने एक बांस के झुरमुट पर अपना मचान बनवाया। तब तक उस लड़के का बाप भी वहां पहुंच गया।
वह अपने लड़के को ले जाने की जिद करने लगा। अंतिम संस्कार के लिए बोल रहा था। तब एंडरसन ने किसी तरह उस आदमी को समझाया और वह मान गया और अपने गांव में लौट गया। एंडरसन ने मचान पर अपनी जगह ले ली। तभी शाम को हवा चलने लगी। हवा बहुत तेज चल रही थी कि बांस का पेड़ पूरा हिल रहा था और एंडरसन का मचान भी हवा में लहरा रहा था। एंडरसन बताते हैं कि इतना घटिया मचान उन्होंने आज तक अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। एंडरसन के पूरे शरीर में दर्द हो रहा था। एक-एक मिनट उनके लिए बहुत भारी पड़ रही थी। तब उन्होंने अपनी घड़ी को देखा तो पाया।अभी तो केवल 9:00 ही बजे हैं उन्होंने सोचा अब इस पर नहीं बैठ सकता हूं।
वह नीचे आने वाले थे तभी उनकी सिक्स सेंस ने उन्हें बताया कि टाइगर यहां आ गया है और तुम्हारे आसपास ही है। टाइगर सबसे पहले उस जगह पर पहुंचा जहां उसने अपना शिकार छोड़ा था । लेकिन अपने शिकार को वहां पर ना पाकर टाइगर धीमी-धीमी आवाज में दहाड़ रहा था जैसे मान लो अपनी नाराजगी दिखा रहा हो। इसके बाद वह उसी जगह पर गोल-गोल चक्कर काटने लगा और वह धीरे-धीरे दहाड़ता भी रहा था। अंत तक वह टाइगर उस लाश तक नहीं पहुंच पाया। क्योंकि टाइगर की सूंघने की शक्ति ना के बराबर होती है जबकि देखने की शक्ति बहुत अच्छी होती है।
पूरी रात बीत गई वह सुबह का उजाला होने से पहले ही वहां से वापस चला गया। उसके बाद काफी देर तक एंड सन उस मचान पर बैठे रहे लेकिन उस टाइगर की कोई भी आवाज नहीं सुनाई दी। उसी समय लड़के का बाप उसी जगह पर पहुंच गया। उसके साथ गांव के तीन आदमी भी आए थे। चारों ने लड़के की लाश को कंधे पर उठा लिया और अंतिम संस्कार के लिए गांव में ले गए। एंडरसन पूरी रात उस मचान पर बैठे रहे जिसके कारण उन्हें थकान महसूस हो रही थी। एंडरसन पूरी रात सो नहीं पाए थे अगले दिन एंडरसन सोते रहे थे। शाम को अपने द्वारा बांधी भैंसों को देखने के लिए निकले। लोग उनके तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे थे। जब वह भैंसों को देखने के लिए जा रहे थे। सारी भैसे सुरक्षित थी।
टाइगर ने किसी भैंस को नहीं मारा था। कैनेथ एंडरसन को यहां आए हुए एक हफ्ते से भी अधिक समय बीत चुका था। इतने दिनों में उन्होंने एक भी बार उस टाइगर को नहीं देखा था। इनको समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए । उनके दिमाग पर टाइगर को मारने का तनाव बढ़ता जा रहा था। उन्हें ऐसा लग रहा था मानो वह टाइगर को नहीं मार पाएंगे। अगले दिन वह जंगलों में घूम कर् उस टाइगर को खोजने की कोशिश कर रहे थे लेकिन टाइगर का कहीं अता-पता नहीं मिल रहा था। तीसरे दिन एंडरसन को फिर से एक लड़के की मारे जाने की खबर मिली। जिस बंगले में एंडसन रुके थे उसी बंगले से कुछ दूरी पर एक झोपड़ी थी जिसमें फॉरेस्ट गार्ड रहा करता था।
उसका एक 7 साल का लड़का था। वह कुत्ते को रोटी खिलाता था। एक बार वह कुत्ता वहां नहीं मिला। तब वह लड़का उस कुत्ते को खोजते हुए अपनी बाउंड्री से बाहर निकल आया और वह फिर वापस नहीं लौटा। जब काफी देर तक उन्होंने बच्चे की आवाज नहीं सुनी तो उसको खोजना शुरू कर दिया। पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यह खबर एंडरसन तक भी पहुंचाई गई थी। एंडरसन वहां पहुंचे तब तक लोगों ने उस बच्चे की लाश को खोज लिया था। आदमखोर टाइगर ने अभी उस लड़के को खाया नहीं था। उसकी गर्दन पर बाग के गहरे दांतो के निशान बने थे बाकी उसके शरीर पर कोई खरोच नहीं थी।
एंडरसन ने उस जगह के पास खड़े पेड़ पर मचान बनवाया और शाम होने से पहले ही लोगों को गांव भेज दिया। एंडरसन अपनी राइफल के साथ उस पेड़ पर बैठ गए । उन लोगों के जाते ही वहां पर बादल आ गए और बिजली तड़पने लगी और बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए उनके पास कोई भी सामान नहीं था। एंडरसन पूरी रात देखते ही रहे थे।
बारिश के बाद तेज ठंडी हवा चलने लगी जिससे उन्हें बहुत तेज ठंड लगने लगी। रात 9:00 बजे एंडरसन को तेजी से बुखार आ गया। उन्हें ठंड लगने लगी और उनका पूरा शरीर दर्द करने लगा। बारिश में कम ही उम्मीद रहती है कि टाइगर निकल कर आए। वह बारिश में सूखे की तलाश में निकल जाते हैं और सूखी जगह में बैठते हैं। तब एंडरसन ने सोचा क्यों ना गांव ही जाया जाए लेकिन गांव और इस जगह के बीच में एक नदी थी पहले इस नदी में कुछ भी पानी नहीं था। वे आराम से पार कर लेते थे लेकिन बारिश के कारण यह नदी पूरे उफान पर थी। नदी में बारिश का पानी तेजी से बह रहा था। एंडरसन अगर यहां से निकलते तो निश्चित ही बह जाते। एंडरसन का बुखार बढ़ता ही जा रहा था। उन्हें बुरी तरीके से दर्द हो रहा था।
इसके बाद ठंडी हवा ने और ज्यादा परेशानी को बढ़ा दिया था। तभी एंडरसन बेहोश हो गए। सुबह जब लोग वहां पहुंचे तो उन्हें आवाज लगाई लेकिन ऊपर से कोई जवाब नहीं पाकर लोग परेशान होने लगे। एक आदमी मचान पर ऊपर चढ़कर गया। तब एंडरसन को हिलाने लगा तो उनको होश आ गया और वह उस आदमी की सहायता से उस मचान पर से नीचे उतरे।
तभी उन्हें घर ले जाया गया और वहां पर उन्हें दवा दिलवाई गई। 4 दिन की दवा के बाद एंडरसन बिल्कुल फिट हो गए। इन 4 दिनों में उसे टाइगर के द्वारा किसी प्रकार का कोई भी हमला नहीं हुआ था। इसके बाद कैनेथ एंडरसन अपनी तीनों भैसों को देखने के लिए गए। भैसे बिल्कुल सही सलामत थी।
अब कैनेथ एंडरसन उस जगह पर जाने लगे जहां पर उन्होंने उस मचान को बनाया था और उस मचान पर बैठे थे। चलते चलते वह नदी किनारे पहुंचे। उसी समय नदी के दूसरी ओर से सांभर की आवाज सुनाई दी। सांभर की आवाज नदी के दूसरी तरफ से आ रही थी। कैनेथ एंडरसन समझ गए थे कि शायद कोई जंगली जानवर नदी के उस पार से नदी में पानी पीने के लिए आ रहा है। टाइगर भी हो सकता है और तेंदुआ भी हो सकता है। इन्हीं को देखकर सांभर और चीतल अलार्म कॉल निकालते हैं। तभी वह एक पेड़ के पीछे छुपकर देखने लगे। उस पेड़ के पास लैंटाना की बड़ी-बड़ी झाड़ियां थी। तभी वहां से झाड़ियों से एक बाघ का सिर निकलता हुआ दिखाई दिया। कैनेथ एंडरसन सावधान हो गए और उस टाइगर को देखने लगे। तभी वह टाइगर अपने चारों ओर देखकर आगे बढ़ने लगा और नदी में पानी पीने लगा।
टाइगर का सिर नीचे था। वह पानी पी रहा था। कैनेथ एंडरसन ने अपनी पोजीशन ले ली और अब वह इंतजार करने लगे कि कब वह टाइगर पानी पीकर निश्चित हो। तभी टाइगर ने पानी पीकर अपना सिर ऊपर किया है। कैनेथ एंडरसन ने टाइगर के दिल को निशाना बनाकर गोली चला दी। टाइगर थोड़ा उछला और वहीं पर पानी में गिर गया। टाइगर की चारों टागे कंपने लगी। थोड़ी देर बाद टाइगर बिल्कुल शांत हो गया। टाइगर के शरीर में हलचल होना बिल्कुल बंद हो गया।
एंडरसन ने फिर से अपनी पोजीशन ले ली। वह फिर से उस टाइगर को गोली मारना चाह रहे थे। लेकिन जब टाइगर की हलचल बंद हो गई तो उन्होंने उसमें दूसरी गोली नहीं मारी। गोली की आवाज गांव में भी लोगों ने सुन ली थी। गोली की आवाज सुनकर गांव के लोग नदी की तरफ से आने लगे और उन लोगों ने उस टाइगर को पानी में मरे हुए पाया। पानी मे खून ही खून फैल गया था।
लोग मरे हुए टाइगर को देखकर बहुत खुश होने लगे। तभी कैनेथ एंडरसन ने लोगों की मदद से उस टाइगर को गांव में ले गए और वहां उसकी खाल को उतारा। टाइगर की खाल एकदम ठीक थी। उसे बिल्कुल भी नुकसान नहीं हुआ था। उस टाइगर के कैनाइन दांत बिल्कुल ठीक थे। पंजों के नाखून जी बिल्कुल सही सलामत थे। वह अपनी मर्जी से ही आदमखोर बना था।