Swine Flu : कोरोना के बीच अब स्वाइन फ्लू ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। केरल, यूपी, राजस्थान में स्वाइन फ्लू से हुई मौत ने अब आमजन के बीच हड़कंप मचा दिया है। केरल में एक लड़की की मौत स्वाइन फ्लू की वजह से हुई है। वही बात करें अगर राजस्थान की तो राजस्थान में भी बीते 2 महीनों में अब तक 90 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जिनमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। यूपी के कानपुर में भी स्वाइन फ्लू के चलते एक सुनार कारोबारी की मौत हो चुकी है। मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वाइन फ्लू के 3 मामले और उड़ीसा में 2 लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। देश में स्वाइन फ्लू के लगातार बढ़ रहे मामलों ने अब लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है।
स्वाइन फ्लू क्या है
स्वाइन फ्लू सूअरों से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। स्वाइन फ्लू इनफ्लुएंजाए को H1N1 वायरस के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी पीड़ित इंसान या जानवरों के जरिए फैल सकती है। यह बीमारी संक्रमित के छिकने और खांसने के दौरान निकलने वाले डापलेटस से फैल सकती है। साथ ही संक्रमित सतह के संपर्क में आने से भी फैल सकती है। इसके लक्षण इन्फ्लूएंजा की तरह ही होते हैं। यह वायरस आपके नाक गले और फेफड़ों को जोड़ने वाली कोशिकाओं को संक्रमित करता है। इस संक्रमण के लक्षण हल्के और गंभीर दोनों हो सकते हैं। आमतौर पर गर्मियों और मानसून के महीनों में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं।
स्वाइन फ्लू महामारी
सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार 1918 में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई थी। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने साल 2009 में इसे महामारी घोषित किया था। उस समय इस बीमारी का पहला मामला मेक्सिको में सामने आया था। देखते ही देखते यह बीमारी दुनिया भर में फैल गई थी। साल 2022 से पहले भारत में भी इस के मामले 2009 से लेकर 2015 के बीच आ चुके हैं। इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए । पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
ठंड लगना, बुखार, खांसी, गला खराब होना, थकान, दस्त, उल्टी आना, नाक बहना, हां जी इस के सामान्य लक्षण माने जाते हैं। गंभीर होने पर सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया, ऑक्सीजन में कमी, छाती में दर्द, लगातार चक्कर आना, बहुत अधिक कमजोरी और मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण सामने आ सकते हैं।
स्वाइन फ्लू का इलाज और बचाव
- स्वाइन फ्लू के दौरान एंटीवायरल दवाओं के अलावा संक्रमण के लक्षणों को कम करने वाली दवाओं की जरूरत होती है। इसके अलावा मरीज को आराम करने और भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
- इसके बचाव के लिए 6 माह से अधिक उम्र वाले लोगों को फ्लू वैक्सीन कराने की सलाह दी जाती है।
- सर्जिकल मास्क लगाकर, किसी चीज को छूने के बाद हाथों को बार-बार धोकर और साफ-सफाई का ख्याल रखकर इससे बचाव किया जा सकता है।
- बताए गए लक्षणों के देखने पर किसी तरह की लापरवाही बरते बगैर विशेषज्ञ से परामर्श लें।
किन लोगों को अधिक खतरा
कोरोना की तरह स्वाइन फ्लू भी आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में जो लोग पहले से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे हैं । जिनकी इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर है । ऐसे लोगों को इस बीमारी से खतरा ज्यादा होता है।