Root Canal Treatment in India

Root Canal Treatment in India: दांतों की देखभाल व्यक्ति के लिए उतनी ही जरूरी है जितनी कि हम अपने शरीर की देखभाल करते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हम नियमित व्यायाम और जिम जाते हैं उसी प्रकार हमें अपने दांतो स्वस्थ रखने के लिए उनकी देखभाल करनी चाहिए दांत हमारे शरीर का बहुत बड़ा उपयोगी अंग है जो भोजन को चलाने में हमारी मदद करता है।

यदि किसी व्यक्ति के दांत में किसी भी प्रकार की परेशानी है तो यह उसको खाना खाने में बहुत परेशान करेगी। दांतों में कैविटी का होना एक आम समस्या है। हमसे कुछ समय पहले जो भी दांत सड़ जाता था उसको निकालना ही एकमात्र विकल्प था। लेकिन आज के समय में इस दांत को बगैर निकाले ही उसका उपचार किया जाता है और उपचार के बाद उस दांत में कोई भी दर्द नहीं रहता है। इस उपचार को ही रूट कैनाल ट्रीटमेंट कहा जाता है।

इससे मरीज को दर्द में राहत होती है। बहुत सारे शिक्षित लोग तो इस उपचार को जानते हैं लेकिन अब भी बहुत सारे लोग इस उपचार को नहीं जानते हैं।

रूट कैनाल ट्रीटमेंट (Root Canal Treatment) क्या है?

रूट कैनल ट्रीटमेंट एक उपचार विधि है जिसमें सड़े हुए और इनफेक्टेड दांत को निकालने की जगह उसका ट्रीटमेंट किया जाता है और उस दांत से दर्द को खत्म कर दिया जाता है इस ट्रीटमेंट के दौरान दांतों की जड़ से वैंस और पल्प को हटा दिया जाता है। क्योंकि जब वैंस  और पल्प नहीं रहती हैं तो दर्द का अनुभव ही नहीं होता है।

इसके बाद दांतों की जड़ से सफाई कर उसे सील बंद कर दिया जाता है और उसके ऊपर एक कैप चढ़ा दिया जाता है।

अगर समय पर इस सड़े हुए बेकार दांत का उपचार नहीं कराया जाता है तो यह आपके दांत के आसपास के टिशु को संक्रमित कर देता है जो कि बाद में दांत के पास एकफोड़ा सा बना देता है अगर यह और बिगड़ जाता है तो कैंसर का बनने का भी खतरा रहता है।

यदि आपको भी अपने दांत में दर्द और ठंडे गर्म का एहसास होता है। आप फ्रिज का पानी तक नहीं पी सकते हैं। वह दांत में ठंडा लगता है और आपके मुंह में सूजन और दर्द रहता है। तो आपको अपने नजदीकी दंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत कब पड़ती है?

रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत हमें हमारे दांतो के खराब होने पर पड़ती है। जब हम ठंडा या गर्म कुछ खाते हैं तो वह हमारे दांतो में लगता है और दांतों में तेजी का दर्द रहता है। तब हमें अपने दांत का रूट कैनल ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।

दांतो की नसे खराब हो गई है। जब संक्रमण के कारण दांत काला पड़ रहा है या दांत खत्म हो गया है। जब गिरने के कारण दांत में सनसनाहट हो रही है और फ्लोराइड टूथपेस्ट से बंद ना हो तब हमें रूट कैनाल ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।

रूट कैनाल ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है (Root canal treatment kaise karte hai) 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट कई चरणों में होने वाली प्रक्रिया है। इस ट्रीटमेंट को करवाने के लिए हमें अपने डेंटिस्ट डॉक्टर के पास कई बार जाना होता है। यह ट्रीटमेंट एक सामान्य डेंटिस्ट और रूट कैनाल स्पेशलिस्ट भी कर सकता है। उपचार के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आपका डेंटिस्ट आप की वर्तमान मेडिकल हिस्ट्री को जानना चाहता है। आपको किसी भी प्रकार की हाई बीपी, शुगर या अन्य कोई परेशानी पहले से तो नहीं है। जिससे वह दवाओं का उपयोग सोच समझ कर कर सके।

उपचार शुरू करने से पहले डेंटिस्ट आपके उस इनफेक्टेड दांत का एक्सरे लेता है। जिससे वह अपनी प्रक्रिया का निर्धारण कर सकता है कि उसे किस प्रकार से काम करना है। इसके बाद डेंटिस्ट आपके दांत को सुन्न करने के लिए मसूड़ों में एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में डेंटिस्ट आपके दांत को सुखा रखने और होठों से दूर रखने के लिए सूती कपड़े के रोल और रबर की सीट का उपयोग करते हैं। इससे लार के कारण कोई भी बैक्टीरिया रूट कैनाल में प्रवेश नहीं कर पाता है।

दांत के पल्प तक पहुंचने के लिए आपके दांत के ऊपर के कठोर हिस्से को काटकर उसमें से रास्ता बनाकर डेंटिस्ट पल्प तक पहुंचता है। डेंटिस्ट आपके दांत के ऊपर के हिस्से को तोड़ता हुआ अंदर पल्प को भी साफ कर देता है। जब नर्बस  नहीं रहते हैं तो दर्द कैसे होगा।

दांत की सकरी कैनाल से संक्रमित पल्प निकालने के लिए सफाई की जाती है और डेंटिस्ट विभिन्न प्रकार के उपकरणों का उपयोग करते हैं जो कि  फाइल होते हैं। काम करते समय डेंटिस्ट स्टेरॉयड पानी और कीटाणु नाशक रसायनों से हर बार आपकी रूट कैनाल को धोते हैं जिससे कोई भी बैक्टीरिया उसके अंदर नहीं रह जाए। इसके बाद डेंटिस्ट एंटीसेप्टिक में भिगोया हुआ कॉटन आपके दांत के खोखले हिस्से में भर देते हैं। जिससे दूसरी बार आने पर उसे निकाल कर काम किया जा सके।

दूसरे चरण में डेंटिस्ट आपके दांत में भरे हुए उस कॉटन  को निकाल देता है और द्वारा उस पर फिर से एंटीसेप्टिक से धो कर फिर से काम शुरू करता है। काम पूरा होने के बाद आपके दांत के काम वाले हिस्से में स्थाई फिलिंग की जाती है। दांत की ऊंचाई थोड़ी कम की जाती है ताकि वह विपरीत की तरफ के  दांत से संपर्क ना हो। इस प्रक्रिया से दांत पर चलाते समय कोई बल नहीं लगता है। इसे तेजी से ठीक होने में मदद मिलती है।

रूट कैनाल के बाद कैपिंग (Root Canal Treatment Capping)

रूट कैनाल ट्रीटमेंट पूरा होने के बाद आपके दांत पर कैपिंग की आवश्यकता होती है। यदि आपके दांत के क्राउन को नुकसान बहुत कम होता है तो डॉक्टर दांत के नुकसान के बढ़ने वाले भाग में दांत के रंग की फिलिंग की जाती है।

लेकिन यदि क्षति बहुत ज्यादा हो जाती है तो कैपिंग करना आवश्यक होता है कैपिंग या क्रॉउन प्लेसमेंट से जिस दांत का इलाज किया जाता है उसको सहारा और मजबूती मिलती है। क्राउन के विभिन्न प्रकार उपलब्ध हैं और आपको आपके दांत में उपयुक्त क्रॉउन का उपयोग करने में मदद की मिलती है।

दांत काटने से पहले और बाद में आपके डॉक्टर आपके क्राउन का एक सांचा बनाने के लिए दांत की एक प्रतिकृति लेते हैं जिससे आपका नया क्रॉउन आपके प्राकृतिक दांत के जैसा दिखता है। क्राउन एक दांतो को लैब में बनाया जाता है और आप के प्राकृतिक दांतो के ऊपर रंग से मेल खाता है। एक प्रकार का सीमेंट का उपयोग करके यह क्राउन कटे हुए दांत पर चिपका दिया जाता है।

रूट कैनल ट्रीटमेंट साइड इफेक्ट (Side effect of Root Canal Treatment)

रूट कैनाल ट्रीटमेंट के कोई नहीं होते हैं लेकिन फिर भी कई लोगों में यह होगी सकते हैं आपको लंबे समय तक दांत में हल्के दर्द का अनुभव हो सकता है यह आमतौर पर उमरा मामलों में होता है जब संक्रमण पहले जबड़े की हड्डी में भी था। कभी-कभी रूट कैनाल का बैक्टीरिया उपचार के दौरान उपयोग की जाने वाली कीटाणु नाशक उनके खिलाफ बहुत प्रतिरोधी होते हैं इसलिए में मरते नहीं है और लंबे समय तक निष्क्रिय रहते हैं इलाज के कुछ समय बाद दांत में संक्रमण फिर से शुरू हो जाता है। जब दोबारा होने वाला संक्रमण गंभीर हो जाता है तो आप का उपचार असफल हो सकता है आपको फिर से पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।

Root Canal Treatment

रूट कैनाल ट्रीटमेंट का खर्च (Cost of Root Canal Treatment in India) 

रूट कैनाल ट्रीटमेंट का खर्च कई जगहों पर अलग-अलग हो सकता है। एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर इसका अलग से खर्चा ले सकता है जबकि एक साधारण डॉ एक अलग प्राइस पर यह काम कर सकता है। Root canal treatment price

अगर नया क्रॉउन नहीं लगता है तो उपचार लागत 2000 से ₹8000 तक हो सकती है। कैपिंग की लागत अलग से होती है और यह दंत चिकित्सक की विशेषता पर निर्भर करता है आमतौर पर 1500 से क्राउन मिलना शुरू हो जाता है।

 

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